‘र्दोपहरी’ कववता समाज के वगय-भेर्द को बख़ूबी व्यक्त करती है- कै से? उधचत उर्दाहरणों के माध्यम से तपष्ट कीस्जए।
Answers
Answer:
हरप्रसाद शास्त्र जी को नानूराम भाट से चंद का वंश वृक्ष प्राप्त हुआ था। नानूराम भाट स्वयं को चंद का वंशज मानता था। उसके अनुसार चंद के चार पुत्र थे, जिनमें से चतुर्थ पुत्र का नाम जल्ल था। जिस समय पृथ्वीराज को मोहम्मद गौरी बंदी बनाकर अपने देश ले जा रहा था। उस समय चंद भी महाराज के साथ गए थे और अपनी पुस्तक पृथ्वीराज रासो को अपने पुत्र जल्ल को सौंप गया था। इस संबंध यह उक्ति प्रसिद्ध है- "पुस्तक जल्हण हत्थ दै, चलि गज्जन नृप काज" कहा जाता है कि जल्ल ने चंद के अधूरे महाकाव्य को पूरा किय था।
पृथ्वीराज रासो में ढाई हजार पृष्ठ और 69 समय (सर्ग या अध्याय) हैं। जिस समय की यह कृति है उस समय के लगभग सभी छंदों का प्रयोग इसमें हुआ है। फिर भी मुख्य छंद कवित्त (छप्पय), दूहा, तोमर, त्रोटक, गाहा और आर्या हैं।
Answer:
र्दोपहरी’ कववता समाज के वगय-भेर्द को बख़ूबी व्यक्त करती है- कै से? उधचत उर्दाहरणों के माध्यम से तपष्ट कीस्जए।