Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

रैदास के इन पदों का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

Answers

Answered by nikitasingh79
668

उत्तर :

पहले पद ‘अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी’  में कवि अपने परमात्मा को हमेशा याद करता है क्योंकि वह खुद को उनसे अलग नहीं मानता। कवि के अनुसार वह पानी है तो प्रभु चंदन है । इसी प्रकार से वह खुद को मोर ,चकोर ,बाती ,धागा ,सोना तथा सेवक कहता है और अपने ईश्वर को घनश्याम ,चांद ,दीपक, सुहागा ,स्वामी, और मोती मानता है।


दूसरे पद ‘ऐसी लाल तुझ बिन कउनु करै’ मैं कभी नहीं अपने ईश्वर के दयालु रूप का वर्णन किया है जो ऊंच-नीच, अमीर गरीब आदि का कोई भेदभाव नहीं जानता। वह किसी भी कुल गोत्र में पैदा अपने भक्तों को सहज भाव से अपना कर उसे दुनिया में सम्मान दिलाता है तथा उसे सांसारिक बंधनों से आजाद कर अपने चरणों में जगह देता है। ईश्वर द्वारा कबीर, नामदेव ,त्रिलोचन ,सधना, सैन जैसे तुच्छ जाति में पैदा भक्तों को समाज में ऊंचा स्थान दिलाने तथा उनका उद्धार करने के कई उदाहरण देकर कवि ने अपने इस कथन को सिद्ध किया है।


आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

Answered by vanshmehra1887
203

उत्तर :

पहले पद ‘अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी’  में कवि अपने परमात्मा को हमेशा याद करता है क्योंकि वह खुद को उनसे अलग नहीं मानता। कवि के अनुसार वह पानी है तो प्रभु चंदन है । इसी प्रकार से वह खुद को मोर ,चकोर ,बाती ,धागा ,सोना तथा सेवक कहता है और अपने ईश्वर को घनश्याम ,चांद ,दीपक, सुहागा ,स्वामी, और मोती मानता है।

दूसरे पद ‘ऐसी लाल तुझ बिन कउनु करै’ मैं कभी नहीं अपने ईश्वर के दयालु रूप का वर्णन किया है जो ऊंच-नीच, अमीर गरीब आदि का कोई भेदभाव नहीं जानता। वह किसी भी कुल गोत्र में पैदा अपने भक्तों को सहज भाव से अपना कर उसे दुनिया में सम्मान दिलाता है तथा उसे सांसारिक बंधनों से आजाद कर अपने चरणों में जगह देता है। ईश्वर द्वारा कबीर, नामदेव ,त्रिलोचन ,सधना, सैन जैसे तुच्छ जाति में पैदा भक्तों को समाज में ऊंचा स्थान दिलाने तथा उनका उद्धार करने के कई उदाहरण देकर कवि ने अपने इस कथन को सिद्ध किया है।

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