रैदास के दूसरे पद का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखें
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दूसरे पद मे कवि ने प्रभु को गरीब निवाजु कहकर उनकी महानता का गुणगान किया है । वह छूआछूत की भावना से परे है तथा किसी के साथ भेदभाव नही करते । ईश्वर samdrishi है । वह सब पर समान रूप से कृपा करते है। वह नीच को भी ऊँचा बनाने की योग्यता रखते है। कवि ने ईश्वर को परम कृपालु और निडर कहा है।
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