रैदास के दूसरे पद में हरिजिउ किसे कहा गया है और उनकी किन
विशेषताओं का वर्णन किया गया है?
Answers
Answered by
3
Answer:
काव्यांश के आधार पर 'हरिजीउ' की विशेषताएँ लिखिए। उत्तर: कवि रैदास ने 'हरिजीउ' कहकर अपने आराध्य प्रभु को संबोधित किया है। कवि का मानना है कि उनके हरिजीउ के बिना माज के कमजोर समझे जाने को कृपा, स्नेह और प्यार कर ही नहीं सकता है। ऐसी कृपा करने वाला कोई और नहीं हो ।
Answered by
0
Answer:
कवि रैदास ने ‘हरिजीउ’ कहकर अपने आराध्य प्रभु को संबोधित किया है। कवि का मानना है कि उनके हरिजीउ के बिना माज के कमजोर समझे जाने को कृपा, स्नेह और प्यार कर ही नहीं सकता है। ऐसी कृपा करने वाला कोई और नहीं हो । सकता। समाज के अछूत समझे जाने वाले, नीच कहलाने वालों को ऊँचा स्थान और मान-सम्मान दिलाने का काम कवि के ‘हरिजीउ’ ही कर सकते हैं। उसके ‘हरजीउ’ की कृपा से सारे कार्य पूरे हो जाते हैं।
Similar questions
Social Sciences,
9 days ago
Science,
9 days ago
Environmental Sciences,
9 days ago
Biology,
18 days ago
Math,
18 days ago
Physics,
7 months ago
English,
7 months ago
Math,
7 months ago