Hindi, asked by aayu01, 5 months ago

रैदास ने अपने और ईश्वर में किस प्रकार का संबंध बताया है?​

Answers

Answered by piyushsharm31
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रैदास ने पहले पद में विविध उदाहरणों द्वारा अपनी निराकार भक्ति प्रकट की है। वे अपने प्रभु के अनन्य भक्त हैं। उनका प्रभु घट-घटवासी है। वे अपने भगवान में इस प्रकार मिल गए हैं कि उनको अलग करके देखा नहीं जा सकता। कवि ने दूसरे पद में अपने आराध्य के दीनदयाल व सर्वगुण संपन्न रूप का गुणगान किया है जो ऊँच-नीच का भेद-भाव नहीं जानता तथा किसी भी कुल–गोत्र में उत्पन्न अपने भक्त को सहज भाव से अपना कर उसे दुनिया में सम्मान दिलाता है या उसे सांसारिक बंधनों से मुक्त कर अपने चरणों में स्थान देता है। नामदेव, कबीर, सधना आदि निम्न जाति में उत्पन्न भक्तों को समाज में उच्च स्थान दिलाने तथा उनका उद्धार करने का

उदाहरण देकर कवि ने अपने कथन को प्रमाणित किया है।

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