रैदास ने प्रभु को चांद और स्वयं को चकोर क्यों माना है ( 70 - 80 words )
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रैदास ने अपने आप को चकोर इसलिए माना है क्योंकि । चकोर पूरी रात भर चांद को निहारता रहता है जैसे कि उसको चांद को प्राप्त करना हो । उसी प्रकार रैदास पी अपने प्रभु को अपनी भक्ति के द्वारा प्राप्त करना चाहते हैं।।
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harshabhiraj
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