(रुद्ध कोष है,क्षुब्ध तोष अंगना अंग पर लिपटे भी
आतंग अंग पर काँप रहे है
धनी व्रज गरज से बदल -----)
इस काव्यांश का सप्रसंग व्याख्या कीजिये ?
Attachments:
Answers
Answered by
2
Answer:
woow
Explanation:
wow
Answered by
3
woow. answer
Explanation:
wow. answers
Similar questions