रूढ़िवादी युग और आधुनिक युग में नारियों के जीवन में आए बदलावों का चित्र सहित वर्णन कीजिए
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क्या करें भाई गर्लफ्रेंड छोड़कर बाकी गरीब हिंदी पर आया हूं ताकि कोई मिल जाए प्लीज मेरी हेल्प करो मेरा टाइम पास नहीं हो रहा बहुत दुख हो रहा है उसे छोड़कर बेचैनी सी हो रही है प्लीज मेरी हेल्प करो मैं आपका बहुत आभारी रहूंगा अगर आप मेरी मदद करेंगे मुझे फॉलो करें मुझे बातें करें मुझसे बातें कर एक बॉक्स करें आई एम फीलिंग वेरी गुड हेयर अलोन
सदियों से नारी को एक वस्तु तथा पुरुष की संपत्ति समझा जाता रहा है। पुरुष नारी को पीट सकता है, उसके दिल और शरीर के साथ खेल सकता है, उसके मनोबल को तोड़कर रख सकता है, साथ ही उसकी जान भी ले सकता है। मानो कि उसे नारी के साथ यह सब करने का अघोषित अधिकार मिला हुआ है। मगर यह भी सच है कि अनेक नारियों ने हर प्रकार की विपरीत और कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना करते हुए उन पर विजय प्राप्त की और इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया। आज की बदली हुई तथा अपेक्षया अनुकूल परिस्थितियों में नारियां स्वयं को बदलने और पुरुष-प्रधान समाज द्वारा रचित बेड़ियों से स्वयं को आजाद करवाने हेतु कृतसंकल्प हैं। अब प्रश्न यह है कि नारी कितना बदले और क्यों? इसी बात की विवेचना हम इस निबंध में करेंगे।