Hindi, asked by sunnyteji4, 7 months ago

रावण एक उच्च स्तर का राजा था। उसके बाद भी उसके प्रति समाज में इतना कोच है की उसका पुतला
आज भी जलाया जाता है । हमारे समाज की यह विशेषता है कि वह सत्कार्यों की प्रशंसा करता है, और बुरे कृत्यों की
आलोचना करता है। रावण ब्राह्मण कुल में जन्मा होने के उपरांत भी विजयादशमी के दिन उसका पुतला जलाया जाता
| यह सब संस्कारों की बात है। यदि हम संस्कारों की सुरक्षा न करें, उन्हें बचा कर संचित कर न रखें तो हमारे समाज
ने दशा कैसी होगी ? ईश्वर ने हमें अपने संस्कारों को संभालने के लिए जन्म दिया है, और अवसर भी दिया दिया है.
सका लाभ कैसे उठाना है? हमारे समाज में शक्तियों का संचय कैसे हो ? कुसंस्कारों में समाज को अपनी शक्ति का
चय करना होगा | समाज को ऐसे मार्ग पर ले जाना होगा जो कुरीतियों, कुसंस्कारों से मुक्त हो और संस्कारों से
काशित हो तभी भारत सच्चे अर्थ में उजति कर सकेगा। 5. गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिया​

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Answered by charagach111gmailcom
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हालाँकि रावण उच्च कोटि का राजा था, लेकिन उसका काम निम्न स्तर का था। वह हमेशा लोगों पर अत्याचार करता था, इसलिए आज के समाज में उसका महत्व नहीं है और यह सच है।

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