रावण का नामोनिशान क्यों मिटा
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रावण ५ बुराइयों को कहा जाता है… ये पञ्च बुराईयाँ ही रावण को रेखांकित करती है, वास्वत में इनको हराना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल है. इसीलिए रावण को हर साल जलाते है. रावण अर्थात काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार ये पञ्च ही रावण है…
इन पञ्च को जो जीता वो राम कहलाया… जो इसमें लिप्त वो रावण की सेना… राम ने रावण पर विजय पायी. अर्थात इन पञ्च विकार को जीत कर इनमे विजय पायी. जो इन पर विजय पा ले, वोही असली राम है…
रावण नही मरता, ये विकार सर्वव्यापी है. हर जगह है, हर एक के भीतर है. इन पर विजय पाना अत्यंत कठिन है. पर ऐसा नही विजय पा नही सकते. ये रावण को अंदर से भागना है, तो अपने राम को जगाना होगा. राम ही इन रावणों को मार सकता है…. इन पञ्च भूतो का काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार का नामोनिशान मिटा देता है… सच्चा राम है, इश्वर शिव परमात्मा, जो इन भूतो को खत्म करता है…