Music, asked by satyanegi001, 3 months ago

रियाज़ हेतू स्वर लिखिए​

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Answered by reshma903375
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Answer:

संगीत के सुरों का नाम सरगम दिया गया है। सरगम शब्द प्रथम चार सुरों के नामों के प्रथम अक्षर के मेल से बनाया गया है और एक प्रकार से इसे संक्षिप्तीकरण (abbreviation) भी कह सकते हैं।

संगीत के मुख्य सात सुर होते हैं जिनके नाम षडज्, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद हैं। साधारण बोलचाल में इन्हें सा, रे, ग, म, प, ध तथा नि कहा जाता है। स्पष्ट है कि प्रथम चार सुरों के बिना मात्रा वाले अक्षरों को लेकर सरगम नाम बनाया गया है।

उपरोक्त सात मुख्य सुरों के अतिरिक्त पाँच सहायक सुर भी होते हैं जिन्हें कोमल रे, कोमल ग, तीव्र म, कोमल ध और कोमल नि कहा जाता है। इन्हीं सुरों की सहायता से संगीत की रचना की जाती है।

Answered by LiFeSPOiler
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गायन एक ऐसी क्रिया है जिससे स्वर की सहायता से संगीतमय ध्वनि उत्पन्न की जाती है और जो सामान्य बोलचाल की गुणवत्ता को राग और ताल दोनों के प्रयोग से बढाती है। जो व्यक्ति गाता है उसे गायक या गवैया कहा जाता है। गायक गीत गाते हैं जो एकल हो सकते हैं यानी बिना किसी और साज या संगीत के साथ या फिर संगीतज्ञों व एक साज से लेकर पूरे आर्केस्ट्रा या बड़े बैंड के साथ गाए जा सकते हैं। गायन अकसर अन्य संगीतकारों के समूह में किया जाता है, जैसे भिन्न प्रकार के स्वरों वाले कई गायकों के साथ या विभिन्न प्रकार के साज बजाने वाले कलाकारों के साथ, जैसे किसी रॉक समूह या बैरोक संगठन के साथ। हर वह व्यक्ति जो बोल सकता है वह गा भी सकता है, क्योंकि गायन बोली का ही एक परिष्कृत रूप है।

गायन अनौपचारिक हो सकता है और संतोष या खुशी के लिये किया जा सकता है, जैसे नहाते समय या कैराओके में; या यह बहुत औपचारिक भी हो सकता है जैसे किसी धार्मिक अनुष्ठान के समय या मंच पर या रिकार्डिंग के स्टुडियो में पेशेवर गायन के समय। ऊंचे दर्जे के पेशेवर या नौसीखिये गायन के लिये सामान्यतः निर्देशन और नियमित अभ्यास आवश्यकता होती है।[1] पेशेवर गायक सामान्यतः किसी एक प्रकार के संगीत में अपने पेशे का निर्माण करते हैं जैसे शास्त्रीय या रॉक और आदर्श रूप से वे अपने सारे करियर के दौरान किसी स्वर-अध्यापक या स्वर-प्रशिक्षक की सहायता से स्वर-प्रशिक्षण लेते हैं।

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