रायपय -हिदीकक्षा -सातवी
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें-
पराधीनता हमारी आत्मा को मार देती है। जो व्यक्ति अन्य के अधीन हो , उसे कभी सम्मान और आत्म गौरव की
अनुभूति नहीं हो पाती ।हीनता की भावना से ग्रस्त रहकर वह अपमानित जीवन बिताने के लिए विवश हो जाता
है ।पराधीनतासे मुक्ति के लिए जो भी मूल्य चुकाना पड़े, कम है। कायर व्यक्ति स्वाधीनता का महत्व नहीं समझता
।वह संघर्ष से डरता है। कायर और डरपोक व्यक्ति स्वाधीन रह ही नहीं सकता ।वही व्यक्ति और वही जाति
स्वाधीन रह सकती है जो संघर्ष करना जानती है। भाग्य पर रोने वाले तथा दासता को नियति मानने वाले कभी
भी सुखी नहीं रह सकते ।कहा भी जाता है कि राधा को सपने में भी सुख नहीं मिलता।
1. पराधीन व्यक्ति किस अनुभूति से वंचित रह जाता है ?
2. पराधीनव्यक्ति कैसा जीवन बिताने के लिए विवश हो जाता है?
3. कायर व्यक्ति स्वाधीन क्यों नहीं रह पाता?
4. स्वाधीन रहने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता क्या है ?
2. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें-
पलकों मत व्यर्थ समझ लेना, जीवन का पल-पल सोना है ।
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1. पराधीन व्यक्ति सम्मान और आत्मा गौरव से वंचित रह जाता है.
2.पारधिन्यवक्ती अपानमित जीवन बिटाने के लिए विवेश हो जाता है।
3.कायर व्यक्ति स्वाधिन इसलिए नही रह पाते क्योंकि वह 4. 4 स्वाधिनता का महत्व नहीं समझते और संघर्ष से डरते हैं।
4.स्वाधिन रहने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता संघर्ष हैं।
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