Hindi, asked by Ppapp, 1 year ago

Raashtiya aadunik kala sigrhalai dvara aayojith chitrkala karyashala we sambandith suchana taiyar keejiye

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Answered by sauravh
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भीमवेटका : पुरापाषाण काल की भारतीय गुफा चित्रकला

भारत मैं चित्रकला का इतिहास बहुत पुराना रहा हैं। पाषाण काल में ही मानव ने गुफा चित्रण करना शुरु कर दिया था। होशंगाबाद और भीमबेटका क्षेत्रों में कंदराओं और गुफाओं में मानव चित्रण के प्रमाण मिले हैं। इन चित्रों में शिकार, शिकार करते मानव समूहों, स्त्रियों तथा पशु-पक्षियों आदि के चित्र मिले हैं। अजंता की गुफाओं में की गई चित्रकारी कई शताब्दियों में तैय्यार हुई थी, इसकी सबसे प्राचिन चित्रकारी ई.पू. प्रथम शताब्दी की हैं। इन चित्रों मे भगवान बुद्ध को विभिन्न रुपों में दर्शाया गया है।

प्राचीन युग : उद्भव[संपादित करें]

गुफाओं से मिले अवशेषों और साहित्यिक स्रोतों के आधार पर यह स्पष्ट है कि भारत में एक कला के रूप में ‘चित्रकला’ बहुत प्राचीन काल से प्रचलित रही है। भारत में चित्रकला और कला का इतिहास मध्यप्रदेश की भीमबेटका गुफाओं की प्रागैतिहासिक काल की चट्टानों पर बने पशुओं के रेखांकन और चित्रांकन के नमूनों से प्रारंभ होता है। महाराष्ट्र के नरसिंहगढ़ की गुफाओं के चित्रों में चितकबरे हरिणों की खालों को सूखता हुआ दिखाया गया है। इसके हजारों साल बाद रेखांकन और चित्रांकन हड़प्पाकालीन सभ्यता की मुद्राओं पर भी पाया जाता है।

हिन्दु और बौद्ध दोनों साहित्य ही कला के विभिन्न तरीकों और तकनीकों के विषय में संकेत करते हैं जैसे लेप्यचित्र, लेखाचित्र और धूलिचित्र। पहली प्रकार की कला का सम्बन्ध लोक कथाओं से है। दूसरी प्रागेतिहासिक वस्त्रों पर बने रेखा चित्र और चित्रकला से संबंद्ध है और तीसरे प्रकार की कला फर्श पर बनाई जाती है।

ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडांग चित्रकला (छः अंगो वाली कला) का विकास हुआ। वात्स्यायन का जीवनकाल ईसा पश्चात ३री शताब्दी है। उन्होने कामसूत्र में इन छः अंगो का वर्णन किया है। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए यशोधर पंडित ने आलेख्य (चित्रकला) के छह अंग बताये हैं-[1]



Ppapp: I need a better and shorter answer plsss and that is not a suchana
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