Hindi, asked by subashsah015, 10 months ago

-रचना :
अलह राम जीऊँ तेरे नाँइ,
बंदे ऊपरि मिहर करो मेरे साँई।
क्या ले माटी मुँइ हूँ,
माएँ क्या जल देह न्हवाये।
जो करें मसकीन सतावे,
गून ही रहै छिपायें।।
ब्राह्मण व्यारसि करै चौबीसौं,
काजी महरम जाँन।
ग्यारस मास जुदे क्यू कीये,
एकहि माहि समान।।
पूरबि दिसा हरी का बासा,
पछिम अलह मुकामा।
दिल ही खोजि दिलै भीतरि,
इहाँ राम रहिमान।।​

Answers

Answered by anshika180682
0

Answer:

Sorry but what we have to answer?

Similar questions