Hindi, asked by yakshffpro, 3 months ago

(४) रचना के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं।
अ.सही
ब.गलत
(५) अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं।
अ.सही
ब.गलत
(६) उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं।
अ.सही
ब.गलत​

Answers

Answered by devip649
2

Explanation:

हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध कराने वाला शास्त्र हैं। यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।[1] इसमें हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है; यथा- वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण तथा शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों और वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है।[2]

वर्ण विचार

मुख्य लेख: वर्ण विभाग

वर्ण विचार हिंदी व्याकरण का पहला खंड है, जिसमें भाषा की मूल इकाई ध्वनि तथा वर्ण पर विचार किया जाता है। वर्ण विचार तीन प्रकार के होते हैं। इसके अंतर्गत हिंदी के मूल अक्षरों की परिभाषा, भेद-उपभेद, उच्चारण, संयोग, वर्णमाला इत्यादि संबंधी नियमों का वर्णन किया जाता है।

वर्ण

हिन्दी भाषा की लिपि देवनागरी है। देवनागरी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण हैं, जिनमें से 11 स्वर , 33 व्यंजन , एक अनुस्वार (अं) और एक विसर्ग (अ:) सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त हिंदी वर्णमाला में दो द्विगुण व्यंजन (ड़ और ढ़) तथा चार संयुक्त व्यंजन (क्ष,त्र,ज्ञ,श्र) होते हैं।

स्वर

हिन्दी भाषा में कुल ग्यारह स्वर हैं। ये ग्यारह स्वर इस प्रकार हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

स्वर के दो भेद है

1-मूल स्वर a-लघु-अ,इ,उ b-हृस्व-ऋ

2-संधि स्वर

a-दीर्घ स्वर -अ+अ=आ,इ+इ=ई,उ+उ=ऊ

b-संयुक्त स्वर-अ+इ=ए,अ+ए=ऐ,अ+उ=ओ,अ+ओ=औ

'अं' और 'अः' को स्वर में नहीं गिना जाता है। इन्हें अयोगवाह ध्वनियाँ कहते हैं। 'ॲ' आगत अंग्रेजी स्वर

व्यंजन

व्यंजन को पांच वर्गों में बांट दिया है

'क'वर्ग-क,ख,ग,घ,ड़ (कण्ठ से बोले जाने वाले)

'च'वर्ग-च,छ,ज,झ,ञ (तालू से बोले जाने वाले)

'ट'वर्ग-ट,ठ,ड,ढ,ण (मूर्धा से बोले जाने वाले)

'त'वर्ग-त,थ,द,ध,न (दंत्त से बोले जाने वाले)

'प'वर्ग-प,फ,ब,भ,म (ओष्ठ से बोले जाने वाले)

Answered by shubham4226
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Answer:

हिन्दी भाषा के मूल शब्द रूढ़ ही हैं। रूढ़ शब्दों को सार्थक खण्डों में नही बांटा जा सकता हैं। अर्थात इन शब्दों के सार्थक दो टुकड़े नही किये जा सकते हैं ।

जैसे - आम, गीता, पुस्तक, नदी, आदि शब्द ।

कई बार इन शब्दों का प्रयोग किसी विशेष अर्थ के लिए होता हैं ,और वह विशेष अर्थ भी रूढ़ हो जाता है।

जैसे उल्लू पक्षी और गधा जानवर है, किन्तु ये शब्द मनुष्य के लिए बेवकूफ और मूर्ख के लिए रूढ़ हो गये हैं।

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