India Languages, asked by pratimanawle, 1 month ago

रचना के आधार पर वाक्य के भेद पहचान में बड़ा छोटा कोई नहीं होतारचना के आधार पर वाक्य के भेद लिखिए अंगों में बड़ा छोटा कोई नहीं होता ​

Answers

Answered by vaishalibhoyarkar
1

Explanation:

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Answered by riyabaghel678
3

Answer:

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रचना के आधार पर वाक्य भेद की परिभाषा और उदाहरण | Rachna ke Aadhar Par Vakya Bhed in Hindi Examples

रचना के आधार पर वाक्य की परिभाषा

वाक्य: जब भी हमें अपने मन की बात दूसरों तक पहुँचानी होती है या किसी से बातचीत करनी होती है तो हम वाक्यों का सहारा लेकर ही बोलते हैं। यद्यपि वाक्य विभिन्न शब्दों (पदों) के योग से बनता है और हर शब्द का अपना अलग अर्थ भी होता है, पर वाक्य में आए सभी घटक परस्पर मिलकर एक पूरा विचार या संदेश प्रकट करते हैं। वाक्य छोटा हो या बड़ा, किसी – न – किसी विचार या भाव को पूर्णतः व्यक्त करने की क्षमता रखता है। अतः

ऐसा सार्थक शब्द – समूह, जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय प्रकट कर सके, वाक्य कहलाता है। ‘वाक्य’ में निम्नलिखित बातें होती हैं :

वाक्य की रचना शब्दों (पदों) के योग से होती है।

वाक्य अपने में पूर्ण तथा स्वतंत्र होता है।

वाक्य किसी – न – किसी भाव या विचार को पूर्णतः प्रकट कर पाने में सक्षम होता है।

उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति कहता है ‘सफ़ेद जूते’ तो यह वाक्य नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यहाँ पर किसी ऐसे विचार या संदेश का ज्ञान नहीं होता जिसे वक्ता बताना चाहता हो। जबकि ‘मुझे सफ़ेद जूते खरीदने हैं एक पूर्ण वाक्य है, क्योंकि यहाँ ‘सफ़ेद जूतों’ के विषय में बोलने वाले का भाव, स्पष्टतः प्रकट हो रहा है।

वाक्य के अंग होते हैं

प्रत्येक वाक्य के दो खंड अथवा अंग होते हैं – कर्ता और क्रिया। कर्ता और क्रिया के विस्तार को ‘उद्देश्य और विधेय’ कहा जाता है।

1. उद्देश्य : वाक्य में कर्ता या उसके विस्तार या जिस व्यक्ति या वस्तु के बारे में कहा जाए, उसे ‘उद्देश्य’ कहते हैं। मुख्य रूप से कर्ता ही वाक्य में उद्देश्य कहलाता है।

‘मोहन बाज़ार जा रहा है।’

इस वाक्य में जो कुछ भी लिखा गया है, वह मोहन के विषय में है। इसलिए इस वाक्य में मोहन ही वाक्य का उद्देश्य है।

2. विधेय – वाक्य में कर्ता या उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाए उसे ‘विधेय’ कहते हैं। साधारणतः कर्ता उद्देश्य होता है और क्रिया विधेय होती है।

‘मोहन बाज़ार जा रहा है।’

इस वाक्य में ‘मोहन’ उद्देश्य है, इस बात को पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है। वाक्य का शेष अंश ‘बाज़ार जा रहा है’ मोहन के बारे में कहा गया है, इसलिए यह इस वाक्य का विधेय है। कुछ अन्य उदाहरण :

उददेश्य विधेय

शीला गाना गा रही है।

महात्मा गांधी हमारे प्रिय नेता थे।

हमारे प्रिय नेता राजीव गांधी की हत्या कर दी गई।

में कल दिल्ली जाऊँगा।

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