रचना की तैयारी कैसे करे
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रचना की तैयारी
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रचना कुछ भी ही सकती है,चाहे कोई कहानी हो या कविता,या कोई गद्य पद्य।हर एक रचना या कृति लिखने का एक तरीका है।लेकिन हर एक कलाकृति या रचना लिखने का एक तरीका होता है।एक अच्छी रचना लिखने के तरीके निम्नलिखित हैं :-
1. डायरी में नोट करना शुरू करें / ढांचा तैयार करें : आपके पास विचार हैं, नए आइडियाज हैं ...आप उन्हें लिखना चाहते हैं ...पर जब लिखने बैठते हैं तो भूल जाते हैं, लेखकों के साथ अक्सर ऐसा होता है। इसलिए एक डायरी ले और हर विचार को उसमे लिखते रहें। कम से कम शब्दों में लिखें.....पर कल पर मत छोड़ें। बाद में यही लिखे हुए विचार/आइडियाज आपको एक बेहतरीन कहानी, कविता उपन्यास लिखने में मदद करेंगे।
2. विश्लेषण (Analysis / Research ) करें : अगर आप कहानी या ब्लॉग आप लिख रहें हैं तो उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करें, ब्लॉग पढ़ें, इंटरनेट पर पढ़ें। एक अच्छे लेख के लिए आपकी जानकारी बिलकुल सही होनी चाहिए। विचारों को एकत्रित करे। बिना जानकारी या गलत लिखना आपको हंसी का पात्र बना देगा और पाठक आपकी रचना पर ध्यान नहीं देगा।
3. अच्छे पाठक बने : एक लेखक का काम सिर्फ लिखना भर नहीं है उसे पढ़ना भी चाहिए परन्तु एक पाठक के नजरिये से नहीं बल्कि एक लेखक के नजरिये से। एक लेखक का नजरिया विश्लेषणकरने का होता है, ये जरुरी नहीं की आप किसी अच्छे और जानेमाने लेखक को ही पढ़ें, आपको ये जानना है की कैसे लिखी गयी रचना को और बेहतर किया जा सकता है, कैसी कल्पना की गयी है।
अच्छे लेखक अच्छे पाठक भी होते हैं।
फेसबुक पर हजारों ग्रुप हैं, हजारों की संख्या में लेखक भी हैं, बहुत से लेखक वहां अपनी रचना लिखते हैं और गायब हो जाते हैं, और ज्यादातर ऐसा ही करते हैं, पर पढ़ना कोई नहीं चाहता। कुछ तो जानते ही नहीं की पाठक कैसे मिलें।
4.टुकड़ों में लिखें : ये जरूरी नहीं की आप बैठ का एक ही बार में पूरी कहानी लिखें या पूरा उपन्यास लिखेंगे, कहानी के लिया तैयार किया गया ढांचा भरें, पृष्ठभूमि तैयार करें।
5. हर रोज लिखना शुरू करें : ये थोड़ा मुश्किल लगता है पर है नहीं, ये जरूरी नहीं की आप एक ही दिन में सबसे बेहतर लिख डालेंगे, हर रोज लिखने की आदत डालिये, थोड़ा-थोड़ा अपने समय के अनुसार लिखिए, अगर लेखन आपका जूनून है तो इसके लिए समय निकालिये।
6. समीक्षा और संपादित (Review and Edit ) न करें : आप लिखना शुरू कर रहें है तो अभी से समीक्षा और संपादित न करें, बस लिखते चले जाईये, एक बार लिखने के बाद ही समीक्षा और संपादित करें, ऐसा करने से आप मुख्य धारा से विचलित नहीं होंगें। परन्तु प्रकाशित समीक्षा और संपादित करने के बाद ही करें।
7. सम्पर्क बनाएं : अक्सर हम देखते हैं की लेखक, या अत्यधिक विचारणीय लोग अकेले रहना पसंद करते हैं, अक्षर वो खुद से ही बातचीत करते रहते हैं, सोचते रहते हैं, पर वो ऐसा हर जगह नहीं करते ....वो अपने जैसे लोगों से संपर्क में रहते हैं, अगर आप लेखक हैं तो लेखकों से सम्पर्क बनाने की कोशिश करें, ये आपको बेहतर कार्य करने में मदद करेगा, आपके सोचने, समझने और लिखने का नजरिया बढ़ेगा, आस-पास होने वाले आयोजन के बारे में जानने में मदद करेगा। आयोजन में शामिल हों और सीखते रहें।
8. सोशल मीडिया मंच (social media platform): अपने आपको सोशल मीडिया पर सक्रिय रखें, इसका मतलब ये कतई नहीं की आप सारा दिन सक्रिय रहें।
परन्तु जब आप लिख या विचार कर रहें हैं तो इंटरनेट को बंद ही रखें (लिखने के दौरान क्या करें, क्या नहीं