रचना की दृष्टि से वाक्य भेद पहचानिए अजय क्रिकेट खेल रहा था।
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Answer:
अजय,क्रिकेट- संज्ञा
खेल रहा था - विशेषण
Explanation:
अजय,क्रिकेट- संज्ञा
खेल रहा था - विशेषण
किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे - पशु (जाति), सुन्दरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)। जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा और व्यक्ति वाचक संज्ञा। समुदायवाचक या समूह वाचक संज्ञा और द्रव्यवाचक संज्ञा।
संज्ञा : संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति ,प्राणी ,वस्तु ,स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं। अत: सभी नामपदों को संज्ञा कहते हैं। पद:- सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है, किंतु जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है और इसका रूप भी बदल जाता है।
संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं। जैसे - बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो आदि।
विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं। जैसे- बड़ा, लम्बा, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, खट्टा आदि विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।
हिंदी में विशेषण 5 प्रकार के होते हैं। :
1.गुणवाचक विशेषण
2.परिमाणवाचक विशेषण
3.संख्यावाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
5.व्यक्तिवाचक विशेषण
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