रचना-प्रसून
कक्षा 1 से 10 तक
रचना-प्रसून
मानक हिंदी व्याकरण तथा रचना
10]
रचना-प्रसून
मानक हिंदी व्याकरण तथा रचना
किसी भी भाषा में भावों की प्रभावी अभिव्यक्ति के लिए उस भाषा के व्याकरण का समुचित ज्ञान होना अत्यंत
आवश्यक है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु 'रचना-प्रसून' मानक हिंदी व्याकरण तथा रचना श्रृंखला (1-10) में
व्याकरण की जटिलता व नीरसता को दूर करके इसे सरल, रोचक और बोधगम्य बनाया गया है। संपूर्ण
पुस्तक-शृंखला में विषय-वस्तु की प्रस्तुति सरल से कठिन की ओर' तथा 'अज्ञात से ज्ञात की ओर' सिद्धांतों के
आधार पर की गई है। इस आधार पर 'रचना-प्रसून' श्रृंखला व्याकरण के अनुप्रयोगों को समझने एवं नई मौलिक
रचनाओं के विकास में सशक्त सहायक की भूमिका निभाती है।
'रचना-प्रसून' मानक हिंदी व्याकरण तथा रचना (1-10) की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
व्याकरणिक विषय-वस्तु का सरलीकरण
सरल व सहज भाषा-शैली का प्रयोग
मौखिक व लिखित अभिव्यक्ति के सभी आवश्यक बिंदुओं का समावेश
अधिगम को स्थायी बनाने के लिए विविध प्रकार के अभ्यास-प्रश्नों का समावेश
विद्यार्थियों द्वारा अपनी क्षमता को आँकने के उद्देश्य से अभ्यास प्रश्न-पत्रों का निर्माण
.
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