रचनात्मक एवं समीक्षात्मक अभ्यास
होंसलों की उड़ान
जब हम भारत में महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं तो उसमें 'श्री महिला गृह उद्योग लिज्जत पापड़ का उदाहरण सर्वोपरि आता है। इस कुटिर उद्योग का प्रारम्भ मुम्बई की सात कम पढ़ी-लिखी, गरीब महिलाओं ने 80 रू. उधार लेकर किया। लिज्जत पपाड़ का पहला पापड़ 15 मार्च 1959 में बेला गया और आज इस संस्था में हजारों महिलाएँ मिलकर करोड़ों का कारोबार कर रही है। इस संस्था का उददेश्य अर्धशिक्षित या अशिक्षित जरूरतमंद महिलाओं को बिना घर से बाहर निकले
आर्थिक स्वतन्त्रता प्रदान करना है।
इस संस्था में आज भी सभी कार्यकर्ता महिलाएं ही है। जो ईमानदारी एवं मेहनत से काम करती हैं। यहाँ सभी कार्यकर्ताओं को समान दृष्टि से देखा जाता है एवं परिवार की भाँति सम्मान दिया जाता है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि सभी को 'बहन' के नाम से पुकारा जाता है। यहाँ सभी को अपने कार्यक्षेत्र चुनने की अनुमति है। एवं चुनाव प्रक्रिया के अन्तर्गत एक सामान्य कर्मचारी भी प्रबन्ध समिति का हिस्सा बन सकती है। समय-समय पर कार्यकर्ताओं के प्रयासों को सराहा और पुरस्कृत भी किया जाता है।
इस संस्था को आगे बढ़ाने हेतु चमकीले विज्ञापन और बड़े नामों का सहारा न लेते हुए उत्पादन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। इसके लिए कच्चा माल सिर्फ एक ही स्थान से खरीदकर अलग-अलग केन्द्रों पर भेजा जाता है जिससे स्वाद में अंतर न आये। इसी भाँति पापड़ जहाँ भी तैयार किये जाते हैं चाहें केन्द्र हो या घर वहाँ प्रबंधन समिति के सदस्य अचानक पहुँचकर जाँच करते हैं कि पापड़ शुद्धतापूर्वक बनाए एवं सुखाएं जाते है।
लिज्जत पापड़ का हिस्सा बनी महिलाएँ साक्षर नहीं थी। अब हर शाखा में बुनियादी साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से न केवल उन्हें साक्षर किया जाता है साथ ही कम्प्यूटर शिक्षा को भी बढ़ाया देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे है। कई केन्द्रों में महिलाओं के लिए शैक्षिक व शौक केन्द्र भी स्थापित किए गए। साथ ही सदस्य बहने निराश्रित महिलाओं की देखभाल करने वाली संस्था आशा धन की गतिविधियों में भी भाग लेती ही कार्यरत बहनों के बच्चों को शिक्षा हेतु लिज्जत छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। इसी भाँति लिज्जत सदस्य बहनों ने गरीब बच्चों के लिए भोजन वितरित कर, सामुदायिक विवाह हेतु धन दान कर, रक्त दान अभियान चलाकर, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर एवं प्राथमिक शिक्षा के प्रसार हेतु राशि उपलब्ध करवाकर समाज सेवा कार्यों में भी अमूल्य सहयोग दिया। अन्तत: हम कह सकते हैं लिज्जत पापड़ गृह उद्योग महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण है।
प्रश्न संख्या 1. उपरोक्त पद्य के पढ़ने के पश्चात आपके अनुसार, श्री महिला गृह उद्योग लिज्जत
पापड़ प्रारम्भ करने का उद्देश्य क्या था ? 1. अधिकाधिक पैसा कमाना 2. समाज में नाम कमाना 3. महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना 4. अपने खाना बनाने का शौक पूरे करना
प्रश्न संख्या 2. उपरोक्त पद्य के आधार पर बताइये कि सफलता हेतु सर्वाधिक आवश्यक तत्व क्या
1. उच्च शिक्षा का होना 2. ईमानदारी एवं मेहनत 3. प्रभावशाली व्यक्तियों से पहचान 4. आर्थिक संसाधन
प्रश्न संख्या 3. 'श्री महिला गृह उदयोग लिज्जत पापड़ महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।
इस उक्ति की पुष्टि निम्न में से कौन सा तथ्य नहीं करता? 1. यहाँ सिर्फ महिलाएँ कार्यरत है। 2. यहाँ महिलाओं के लिए साक्षरता कार्यक्रम चलाए जाते है। 3. निराश्रित महिलाओं की संस्था 'आशाधन' की गतिविधियों में यह सहायता करते
4. लिज्जत पापड़ की गुणवत्ता को अति उत्तम बनाने का यह प्रयत्न करते है।
प्रश्न संख्या 4. 'लिज्जत पापड़' गृह उद्योग में लोकतन्त्रवाद का भी अनुसरण किया जाता है। यह
किस उदाहरण से सिद्ध होता है:
1. सामान्य कर्मचारी भी चुनाव द्वारा प्रबन्ध समिति का सदस्य बन सकती है। 2. समस्त कार्यकर्ताओं को 'बहन' के नाम से सम्बोधित किया जाता है। 3. अनेक केन्द्रों पर साक्षरता अभियान चलाया जाता है। 4. समाज कल्याण से सम्बन्धित अनेक कार्य किए जाते है।
प्रश्न संख्या 5. निम्नलिखित गतिविधियों को ध्यान से पढिये :
1. पिता द्वारा पुत्री को संपत्ति में बराबर का हिस्सा देना। 24. पिता द्वारा पुत्री को शिक्षा व रोजगार के अवसर प्रदान करना। 36. घर में समस्त निर्णय पिता द्वारा लिए जाना।
उपरोक्त गतिविधियों के लिए निम्न में से सही विकल्प चुनिए :
1. महिला सशक्तिकरण 2. पितृसत्तात्मक परिवार 3. लिंग समानता
प्रश्न संख्या 6. महिलाओं की स्वतन्त्रता में बाधक ऐसे कोई दो तत्वों का उल्लेख कीजिए जो आपको अपने
चारों ओर देखने को मिलते है।
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महिला सशक्तिकरण क्या है ? महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएँ शक्तिशाली बनती है जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिये उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तिकरण है।
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महिला सशक्तिकरण क्या है ? महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएँ शक्तिशाली बनती है जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिये उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तिकरण है।
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