Hindi, asked by Goutam5988, 9 months ago

Radas ki bhasha saili in hindi

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Answered by surajyadav788
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Explanation:

रैदास

रैदास

पूरा नाम संत रविदास

अन्य नाम रामदास, गुरु रविदास, संत रविदास

जन्म 1398 ई. (लगभग)

जन्म भूमि काशी, उत्तर प्रदेश

मृत्यु 1518 ई.

अभिभावक रग्घु और घुरविनिया

कर्म भूमि काशी

कर्म-क्षेत्र कवि

विशेष योगदान समाज सुधारक

नागरिकता भारतीय

प्रसिद्ध वाक्य मन चंगा तो कठौती में गंगा

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रैदास की रचनाएँ

इहि तनु ऐसा जैसे घास की टाटी -रैदास

भेष लियो पै भेद न जान्यो -रैदास

माधवे का कहिये भ्रम ऐसा -रैदास

अखि लखि लै नहीं -रैदास

भाई रे रांम कहाँ हैं मोहि बतावो -रैदास

अहो देव तेरी अमित महिमां, महादैवी माया -रैदास

प्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी -रैदास

माटी को पुतरा कैसे नचतु है -रैदास

अब हम खूब बतन -रैदास

राम गुसईआ जीअ के जीवना -रैदास

ऐसी मेरी जाति भिख्यात चमारं -रैदास

रे मन माछला संसार समंदे -रैदास

आज नां द्यौस नां ल्यौ बलिहारा -रैदास

सब कछु करत न कहु कछु कैसैं -रैदास

ऐसे जानि जपो रे जीव -रैदास

भाई रे भ्रम भगति सुजांनि -रैदास

माधौ भ्रम कैसैं न बिलाइ -रैदास

इहै अंदेसा सोचि जिय मेरे -रैदास

रामा हो जगजीवन मोरा -रैदास

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी -रैदास

कहा सूते मुगध नर -रैदास

रे चित चेति चेति अचेत काहे -रैदास

ऐसा ध्यान धरूँ बनवारी -रैदास

सु कछु बिचार्यौ ताथैं -रैदास

राम मैं पूजा कहा चढ़ाऊँ -रैदास

आज दिवस लेऊँ बलिहारा -रैदास

चलि मन हरि चटसाल पढ़ाऊँ -रैदास

नरहरि प्रगटसि -रैदास

ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै -रैदास

जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव -रैदास

सगल भव के नाइका -रैदास

कहि मन रांम नांम संभारि -रैदास

खांलिक सकिसता मैं तेरा -रैदास

अबिगत नाथ निरंजन देवा -रैदास

साध का निंदकु कैसे तरै -रैदास

अब कुछ मरम बिचारा -रैदास

त्यूँ तुम्ह कारनि केसवे -रैदास

कांन्हां हो जगजीवन -रैदास

राम बिन संसै गाँठि न छूटै -रैदास

आयौ हो आयौ देव तुम्ह सरनां -रैदास

जीवत मुकंदे मरत मुकंदे -रैदास

मेरी प्रीति गोपाल सूँ जिनि घटै हो -रैदास

ऐसी भगति न होइ रे भाई -रैदास

जन कूँ तारि तारि तारि तारि बाप रमइया -रैदास

कवन भगितते रहै प्यारो पाहुनो रे -रैदास

जो मोहि बेदन का सजि आखूँ -रैदास

माया मोहिला कान्ह -रैदास

अब मोरी बूड़ी रे भाई -रैदास

जब रामनाम कहि गावैगा -रैदास

गौब्यंदे भौ जल -रैदास

ऐसौ कछु अनभै कहत न आवै -रैदास

हरि जपत तेऊ जना पदम कवलास -रैदास

ताथैं पतित नहीं को अपांवन -रैदास

गाइ गाइ अब का कहि गाऊँ -रैदास

अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी -रैदास

सेई मन संमझि -रैदास

चमरटा गाँठि न जनई -रैदास

पार गया चाहै सब कोई -रैदास

जिनि थोथरा पिछोरे कोई -रैदास

प्रानी किआ मेरा किआ तेरा -रैदास

अब मैं हार्यौ रे भाई -रैदास

कौंन भगति थैं रहै प्यारे पांहुनौं रे -रैदास

हरि हरि हरि न जपहि रसना -रैदास

क्या तू सोवै जणिं दिवांनां -रैदास

केसवे बिकट माया तोर -रैदास

त्यू तुम्ह कारन केसवे -रैदास

रांमहि पूजा कहाँ चढ़ँऊँ। -रैदास

किहि बिधि अणसरूं रे -रैदास

माधवे तुम न तोरहु तउ हम नहीं तोरहि -रैदास

जो तुम तोरौ रांम मैं नहीं तोरौं -रैदास

नरहरि चंचल मति मोरी -रैदास

तब राम राम कहि गावैगा -रैदास

पहलै पहरै रैंणि -रैदास

है सब आतम सोयं -रैदास

तुझा देव कवलापती सरणि आयौ -रैदास

पांवन जस माधो तोरा -रैदास

रथ कौ चतुर चलावन हारौ -रैदास

सो कत जानै पीर पराई -रैदास

जग मैं बेद बैद मांनी जें -रैदास

देहु कलाली एक पियाला -रैदास

माधौ संगति सरनि तुम्हारी -रैदास

बंदे जानि साहिब गनीं -रैदास

देवा हम न पाप -रैदास

परचै राम रमै जै कोइ -रैदास

यह अंदेस सोच जिय मेरे -रैदास

तू कांइ गरबहि बावली -रैदास

संत ची संगति संत कथा रसु -रैदास

नामु तेरो आरती भजनु मुरारे -रैदास

बपुरौ सति रैदास कहै -रैदास

भाई रे सहज बन्दी लोई -रैदास

तुझहि चरन अरबिंद -रैदास

पांडे कैसी पूज रची रे -रैदास

हउ बलि बलि जाउ रमईया कारने -रैदास

दरसन दीजै राम दरसन दीजै -रैदास

संतौ अनिन भगति -रैदास

मरम कैसैं पाइबौ रे -रैदास

गोबिंदे तुम्हारे से समाधि लागी -रैदास

तेरा जन काहे कौं बोलै -रैदास

हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरे -रैदास

न बीचारिओ राजा राम को रसु -रैदास

मिलत पिआरों प्रान नाथु कवन भगति ते -रैदास

जिह कुल साधु बैसनो होइ -रैदास

भगति ऐसी सुनहु रे भाई -रैदास

त्राहि त्राहि त्रिभवन पति पावन -रैदास

प्रीति सधारन आव -रैदास

बरजि हो बरजि बीठल -रैदास

तू जानत मैं किछु नहीं भव खंडन राम -रैदास

मन मेरे सोई सरूप बिचार -रैदास

माधौ अविद्या हित कीन्ह -रैदास

नहीं बिश्रांम लहूँ धरनींधर -रैदास

हरि हरि हरि न जपसि रसना -रैदास

कोई सुमार न देखौं -रैदास

मैं का जांनूं देव मैं का जांनू -रैदास

या रमां एक तूं दांनां -रैदास

रांम राइ का कहिये यहु ऐसी -रैदास

मो सउ कोऊ न कहै समझाइ -रैदास

हरि को टाँडौ लादे जाइ रे -रैदास

राम जन हूँ उंन भगत कहाऊँ -रैदास

Answered by Shubhgyanji
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Answer:

रैदास की भाषा बोलचाल की सीधी-सादी भाषा है, किंतु भाव की तन्मयता के कारण प्रभावशाली है।

Explanation:

रैदास की भाषा वस्तुत: तत्कालीन उत्तर भारत की सामान्य जनता के प्रति ग्राह्य भाषा बनकर राष्ट्रीय एकसूत्रता की भाषा बन गयी थी। इनकी भाषा में अवधी एवं ब्रज के शब्दों का सर्वाधिक प्रयोग हुआ है। इनकी शैली भी प्रसाद गुण सम्पन्न और मुख्यतः अभिधात्मक ही रही है। रैदास के काव्य में भावातिरेक की मात्रा अधिक थी। अतः उनकी रचनाओं में उस अतिरेक को प्रकट करने के लिए प्रतीकात्मक लाक्षणिक शैली अनेक स्थलों पर सहायक सिद्ध हुई है।

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