radio par bhasha ke kis Roop Ka prayog Kiya jata hai
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24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी।
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रेडियो कि भाषा सहज होते हुए भी औपचारिक होती है| जैसा कि आप जानते हैं कि रेडियो मैं जो कुछ बोला जाता है| इसका कारन यह है कि इससे भाषा का व्याकरण नहीं गड़बड़ाता और नपे-तुले शब्दों मैं अपनी बात श्रोताओं तक पहुंचा देते हैं
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