Hindi, asked by shaluj969, 4 months ago

रहीम जी के अनुसार कौन से मनुष्य पशु से भी बदतर होते हैं​

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Answered by shraddha15105
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Answer:

अर्थ - रहीम कहते हैं कि संगीत की तान पर रीझकर हिरन शिकार हो जाता है। उसी तरह मनुष्य भी प्रेम के वशीभूत होकर अपना तन, मन और धन न्यौछावर कर देता है लेकिन वह लोग पशु से भी बदतर हैं जो किसी से खुशी तो पाते हैं पर उसे देते कुछ नहीं है। बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।

Answered by Anonymous
0

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अर्थ - रहीम कहते हैं कि संगीत की तान पर रीझकर हिरन शिकार हो जाता है। उसी तरह मनुष्य भी प्रेम के वशीभूत होकर अपना तन, मन और धन न्यौछावर कर देता है लेकिन वह लोग पशु से भी बदतर हैं जो किसी से खुशी तो पाते हैं पर उसे देते कुछ नहीं है। बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।

जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस॥ अर्थ :इस दोहे में रहीम दस जी चित्रकूट को मनीराम और शांत स्थान बताते हुए सुन्दर रूप में वार्नर कर रहे हैं। वो कह रहे हैं चित्रकूट एक ऐसा भव्य स्थान है अवध के राजा श्री राम अपने वनवास के दौरान रहे थे। जिस किसी व्यक्ति पर भी संकट आता है वह इस जगह शांति पाने के लिए इस स्थान चला आता है।

रहीम के अनुसार, वही जल स्रोत या साधन मनुष्य के लिए उपयोगी होता है जो उसके काम आता है। सागर कितना भी बड़ा हो किंतु वह किसी की प्यास नहीं बुझा पाता, इसलिए अनुपयोगी होता है। इसके विपरीत पंक का जल भी लघु जीवों के काम आने के कारण उपयोगी कहलाता है।

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