रहीम के अनुसार किसे सौ बार मनाना चाहिए?
a. अच्छे या खास लोगों को
b. पराए लोगों को
c. स्वयं को
d. दुश्मनों को
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इस दोहे के माध्यम से रहीम दास जी का कहना है कि यदि आपका प्रिय सौ बार भी रूठे, तो भी रूठे हुए प्रिय को मनाना चाहिए,क्योंकि यदि मोतियों की माला टूट जाए तो उन मोतियों को बार बार धागे में पिरो लेना चाहिए. बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय.
मुझे लगता है विकल्प के अनुसार option a. होना चाहिए।
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