Hindi, asked by sauravsharma5611, 7 months ago

रहीम के र्दोहों से नमििे वािी नशक्षा को आप अपिे िीवि में कैसे शानमि करेंगे ,पृष्ठ संख्या (79-80) के आर्ार पर सोर्दाहरण

नवस्तार से समझाइए​

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Answered by siddharth909
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Answer:

रहीम के दोहे हम सभी ने अपने बचपन में कई कक्षाओं में पढ़े है. शायद महान कवि रहीम दास याद करने के पीछे आपने मार भी खाई हो या डांट भी पड़ी हो. Rahim Ke Dohe का हमारे जीवन में बेहद महत्व है लेकिन बदलती जीवनशैली के कारण सभी इन्हें भूलते जा रहे हैं . रहीम जी जैसे प्रेरक महापुरुषों के उत्कृष्ट विचारों से ओतप्रोत होने से हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का भरपूर संचार होता है.

जीवन को आसान और उपयोगिता समझाने वाले रहीम दास के दोहे चाय में डाली गयी शक्कर के जैसे हैं, जो थोड़ी सी डालने पर ही पूरी चाय को मीठा कर देते हैं . रहीम जी के दोहे अनंत काल तक ऐसे ही सभी के जीवन को प्रकाशित करते रहेंगे, इसमें कोई शक नहीं है. यह हमेशा ही उतने महत्वपूर्ण रहेंगे जितने अकबर के समय में थे.

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