रहीम के समकालीन कवि कौन थे
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Explanation:
रहीम भक्तिकाल के कवि थे और तुलसीदास के समकालीन थे ।
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रहीम मध्यकाल के कवि थे और उनकी अधिकांश कविता भक्ति पर आधारित थी, इसीलिए उन्हें भक्तिवादी कवि भी कहा जाता है, वे मुगल दरबार के थे। रहीम भक्ति काल के कवि और तुलसीदास के समकालीन थे।
Explanation:
रहीम और तुलसीदास के बीच भी पत्राचार हुआ है। रहीम राज्य में शामिल होकर भक्ति करता रहा, लेकिन तुलसी के राजा राम ही थे।
रहीमदास का जन्म दिसंबर को हुआ था। वे हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। अकबर के दरबार में उनका महत्वपूर्ण स्थान था। रहीम अकबर के नवरत्नों में से एक थे। गुजरात के युद्ध में उनकी बहादुरी के कारण अकबर ने उन्हें 'खान-ए-खाना' या 'खानखाना' की उपाधि दी। रहीम अरबी, तुर्की, फारसी, संस्कृत और हिंदी के अच्छे जानकार थे। उन्हें ज्योतिष का भी ज्ञान था। रहीम स्वयं भी कवियों के संरक्षक थे। केशव, अस्करन, मंडन, नरहरि और गंगा जैसे कवियों ने उनकी प्रशंसा की है। रहीम की ग्यारह रचनाएँ प्रसिद्ध हैं। उनके काव्य में श्रृंगार, नीति और भक्ति के भाव मुख्य रूप से मिलते हैं।
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