Hindi, asked by ritvikh2, 9 months ago

रहीम के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं--इस कथन को स्पष्ट करिए |​

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Answered by nksinha36
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रहीम जी के दोहों में मानव मूल्यों को उभारा गया है। अपने जीवन में किन गुणों को अपनाना चाहिए तथा दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए इसके बारे में बताया गया है। ये ऐसे जीवन मूल्य हैं जो आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।

Answered by bhatiamona
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रहीम के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं--इस कथन को स्पष्ट करिए |​

रहीम के दोहे नीति और आदर्श की दृष्टि से आज भी प्रसांगिक हैं, क्योंकि रहीम के दोहों में जिस प्रकार की नैतिक शिक्षा की बात की गई है, वह हर समय में प्रासंगिक है। इसलिये रहीम के दोहे आज के समय में भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके समय में थे।

उदाहरण के लिए रहीम के एक दोहे में रहीम कहते हैं कि

रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय।

हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।।

विपत्ति अगर कष्ट देती है तो ये कुछ भलाई भी करके जाती क्योंकि इससे यह पता चल जाता है कि कौन हमारा मित्र है और कौन हमारा मित्र नहीं है। कौन हमारा शुभचिंतक है, और कौन दिखावे का शुभचिंतक बनता है।

इसलिये रहीमे के दोहे हर समय में प्रासंगिक हैं।

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