रहीम के दोहे ‘एकै सािे सब सिे’का आशय स्पष्ट करो |इस दोहे से ममली सीख को अपने जीर्न में अपनाने से हमे क्या लाभ ममलेगा ?
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प्रस्तुत पंक्तियों में कवि हमें यह शिक्षा देते हैं कि एक बार में एक ही काम करने चाहिए। हमें एक साथ कई सारे काम नहीं करने चाहिए। ऐसे में हमारे सारे काम अधूरे रह जाते हैं और कोई काम पूरा नहीं होता। एक काम के पूरा होने से कई सारे काम खुद ही पूरे हो जाते हैं। जिस तरह, किसी पौधे को फल-फूल देने लायक बनाने हेतु, हमें उसकी जड़ में पानी डालना पड़ता है। हम उसके तने या पत्तों पर पानी डालकर फल प्राप्त नहीं कर सकते। ठीक इसी प्रकार, हमें एक ही प्रभु की श्रृद्धापूर्वक आराधना करनी चाहिए। अगर हम अपनी आस्था-रूपी जल को अलग-अलग जगह व्यर्थ बहाएंगे, तो हमें कभी भी मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता।
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