रहीम के दोहे जीवन के नैतिक मूल्यों पर आधारित है स्पष्ट कीजि
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दास का वास्तविक नाम अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानां था. रहीम दास ने ब्रज भाषा में सूदी पदों की रचना की है. रहीम दास सभी धर्मों को एक सामान मानते थे. उनके अनुयायी सभी धर्मों के व्यक्ति थे. रहीम दास की रचनाओं में भी हिंदू ग्रंथों और हिंदू देवी, देवताओं की जलक देखने को मिलती है. आज हम आपके लिए भारत दर्शन के सभार से रहीम दास जी के कुछ दोहे लाए हैं. इन दोहों में आप जीवन के गूढ़ मर्म, मानव स्वभाव और विपरीत हालात में भी खुद को कैसे सकारात्मक रखा जाए यह सीख सकते हैं...
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