रहीम के दोहे में नेहित संदेश लिखे लगबग 100 शब्दों में लिखे
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जो रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग रहीम के दोहे का अर्थ है कि प्रकृति में कितने भी बुरे इंसान हैं मगर जो अच्छा इंसान हमेशा चंदन की तरह रहता है चंदन के पेड़ पर भरोसा नहीं होता वैसे ही कुछ भी कर ले वह कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे अच्छे लोगों का
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