Hindi, asked by daredevil7584, 10 months ago

रहीम के दोहे पाठ का भाव दे दो plz पाठ का भाव चाहिए दोहे का नही

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Answered by Anonymous
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जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग.

चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग.

अर्थ: रहीम कहते हैं कि जो अच्छे स्वभाव के मनुष्य होते हैं,उनको बुरी संगति भी बिगाड़ नहीं पाती. जहरीले सांप चन्दन के वृक्ष से लिपटे रहने पर भी उस पर कोई जहरीला प्रभाव नहीं डाल पाते.

रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार.

रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार.

अर्थ: यदि आपका प्रिय सौ बार भी रूठे, तो भी रूठे हुए प्रिय को मनाना चाहिए,क्योंकि यदि मोतियों की माला टूट जाए तो उन मोतियों को बार बार धागे में पिरो लेना चाहिए.

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