रहीम
कहि रहीम सम्पति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
विपत कसौटी जे कसे, सोई साँचै मीत।। (1)
एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय।
रहिमन सींचे मूल को, फूलै फलै अधाय।। (2)
तरुवर फल नहिं खात हैं, सरवर पियहिं न पान।
कहि रहीम पर काज हित, सम्पति संचहिं सुजान।।(3
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवे सुई, का करे तरवारि।। (4)
Explain the meaning of this poem to me.
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this is Rahim ke dohe agar aap jaake class 8 ke Hindi ke textbook par dekhenge to aap yah mil jaega aur aap YouTube per jakar se explain kar sakte hain agar achcha laga ho to please thanks aur brain list answered chose karna
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