रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?give me correct answer of class 7th student and don't do copy paste I want your own answer .
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Answer:
Here is your correct answer
Explanation:
रहीम ने आश्विन (क्वार) के महीने में आसमान में छाने वाले बादलों की तुलना निर्धन हो गए धनी व्यक्तियों से इसलिए की है, क्योंकि दोनों गरजकर रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते। बादल बरस नहीं पाते, निर्धन व्यक्ति का धन लौटकर नहीं आता। जो अपने बीते हुए सुखी दिनों की बात करते रहते हैं, उनकी बातें बेकार और वर्तमान परिस्थितियों में अर्थहीन होती हैं। दोहे के आधार पर सावन के बरसने वाले बादल धनी तथा क्वार के गरजने वाले बादल निर्धन कहे जा सकते हैं।
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Answer:
रांची, जासं। अब समय किसी भी विषय में नया टॉपिक पढऩे का नहीं रहा, बल्कि अब समय है पढ़ाए गए पाठों की पुनरावृत्ति करने का है। दसवीं और 12वीं की परीक्षा करीब है। डीएवी हेहल की हिंदी की शिक्षक सुशील आर्या कहते हैं कि हिन्दी विषय के लिए नवीनतम सैंपल पेपर पर ध्यान दें। उत्तर लिखते समय लिखावट एवं शब्द सीमा पर ध्यान रखें।
यदि आप किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकते या सही उत्तर के प्रति अभी भी अनिश्चितता की स्थिति है, तो उसे छोड़ दें। जब आप विवरणात्मक प्रश्नों के खंड में पहुंच जाते हैं, तो पूरे प्रश्न -पत्र पर एक दृष्टि डालें एवं उत्तर देने के लिए उस प्रश्न का चयन करें, जिसमें आप सहज महसूस करते हों। निबंध लिखते समय संकेत बिन्दुओं के आधार पर 200-250 शब्दों में पूरा करें।
पत्र- लेखन के लिए परीक्षा में औपचारिक अथवा अनौपचारिक विषयों में से किसी एक विषय पर पत्र लिखने के लिए आता है। यह प्रश्न अभिव्यक्ति की क्षमता पर केंद्रित होता है। विद्यार्थी इसमें अभ्यास के आधार पर पूरे-पूरे अंक पा सकते हैं। व्याकरण में भी अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं बशर्ते अभ्यास करें। विज्ञापन लेखन के लिए पंच लाइन महत्वपूर्ण होती हैं।
इसमें किसी भी क्षेत्र से जुड़े विषय पर लगभग 25 शब्दों में विज्ञापन तैयार करने के लिए दिया जाता है। इसे आकर्षक बनाने के लिए रंगीन चित्रों का भी प्रयोग कर सकते हैं। हिंदी को हल्के में न लें, गलतियों से सीखें। अभी बचे हुए समय में प्रतिदिन 30 से 40 मिनट व्याकरण के लिए अवश्य दें।