Hindi, asked by pangoyaman, 1 month ago

रहिम नै मन की पाड़ा मन मैं ही समेट कर रखने की बात क्यों कही है!​

Answers

Answered by bhavna206008
0

hii see the attachment

the answer is : कवी रहीम जी इस दोहे में कहते हैं हमें अपने मन के दुख को अपने मन में ही रखना चाहिए क्योंकि किस दुनिया में कोई भी आपके दुख को बांटने वाला नहीं है। इस संसार में बस लोग दूसरों के दुख को जान कर उसका मजाक उडाना ही जानते हैं।

Attachments:
Similar questions