Hindi, asked by harshrawat28092005, 7 months ago

रहिम दास जी के अनुसार अपनी व्यथा कहाँ रखनी चाहिए ? *

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Answered by vaanisemwal
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कविवर रहीम कहते हैं कि मन की व्यथा अपने मन में ही रखें उतना ही अच्छा क्योंकि लोग दूसरे का कष्ट सुनकर उसका उपहास उड़ाते हैं। यहां कोई किसी की सहायता करने वाला कोई नहीं है-न ही कोई मार्ग बताने वाला है।

Answered by ananyasingh0127
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Answer:

रहीम दास जी के अनुसार अपनी व्यथा अपने मन में रखनी चाहिए।

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