रहीम दास जी का जीवन परिचय
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रहीम दास जी का जीवन परिचय
धर्म इस्लाम
विधा दोहा और कविता
उपलब्धि अकबर के नवरत्नों में से एक
मृत्यु 1 अक्टूबर 1627 (उम्र 70), आगरा
Rahim Das Biography in Hindi
रहीम दास कौन थे?
रहीम दास जी का पूरा नाम अब्दुल रहीम खान-ए-खाना है। रहीम दास जी एक कवि के साथ-साथ अच्छे सेनापति, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, कलाप्रेमी, साहित्यकार और ज्योतिष भी थे।
रहीम दास जी मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। रहीम दास जी अपने हिंदी दोहों से काफी मशहूर भी थे और इन्होने कई सारी किताबें भी लिखी थी। इनके नाम पर पंजाब में एक गांव का नाम भी खानखाना रखा गया है।
रहीम दास का जन्म और परिवार
रहीम दास जी का पूरा नाम अब्दुल रहीम खान-ए-खाना है और इनका जन्म 17 दिसम्बर 1556 को लाहोर में हुआ था। जो लाहोर अभी पाकिस्तान में स्थित है। इनके पिता का नाम बैरम खान और माता का नाम सुल्ताना बेगम था।
बैरम खान एक तुर्की परिवार से थे और हुमायूँ की सेना में शामिल हो गये थे। बैरम खान अकबर किशोरावस्था में सरंक्षक के रूप में भी थे। बैरम खान ने हुमायूँ की मुगल साम्राज्य को वापस स्थापित करने में सहायता की थी।
हुमायूँ ने जमाल खान की बड़ी बेटी से अपना विवाह किया था। फिर हुमायूँ ने बैरम खान को जमाल खान की छोटी बेटी से विवाह करने को कहा। बैरम खान ने हुमायूँ के कहने पर जमाल खान की छोटी बेटी से विवाह कर लिया और उससे बैरम खान को रहीम पुत्र मिला। एक बार बैरम खान हज के लिए जा रहे थे तो गुजरात के पाटन में विश्राम के लिए वहां ठहरे थे।
वे पाटन की प्रसिद्ध सहस्रलिंग तालाब में नहाकर और नौका विहार करके जैसे ही वहां से निकले तो बैरम खान के पुराने विरोधी अफ़ग़ान सरदार मुबारक ख़ाँ ने उनकी पीठ में छुरा डालकर धोखे से हत्या कर दी गई। वहां से बैरम खान की पत्नी सुल्ताना बेगम अपने सेवको के साथ अहमदाबाद के लिए निकल गई। जब इस बात की खबर अकबर की को लगी तो अकबर ने सुल्ताना बेगम को अपने दरबार में हाजिर होने का आदेश दिया है।
जैसे ही सन्देश पहुंचा तो सुल्ताना बेगम दरबार में हाजिर हुई। वहां पर अकबर ने रहीम को अपने पुत्र के समान रखने का आदेश दिया कि इसको किसी चीज की कमी नहीं आनी चाहिए। रहीम को हमेशा मेरी आँखों के सामने ही रखा जाए। फिर बाद में अकबर ने सुल्ताना बेगम से शादी कर ली और रहीम को “मिर्जा खान” की उपाधि दी।