Hindi, asked by chitrak98, 1 month ago

रहीम दास जी ने दोहों की विशषे ता को किस प्रकार समझाया है? class 9​

Answers

Answered by pallavishende87134
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रहीम ने अपने दोहे में सागर में स्थित विशाल मात्रा वाले जल और तालाब में स्थित लघु मात्रा में कीचड़ वाले जल का वर्णन किया है। ... इसके लिए रहीम सुई और तलवार का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि जहाँ सुई का काम होता है, वहाँ तलवार व्यर्थ हो जाती है। इस प्रकार रहीम इस उदाहरण के माध्यम से समाज में सभी के सम्मान का संदेश देते हैं।

Answered by ay8076191
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Explanation:

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शब्दार्थ- प्रकृति = स्वभाव। कुसंग = बुरी संगति । भुजंग = सर्प।

सन्दर्भ- प्रस्तुत दोहा रहीम (अब्दुल रहीम खानखाना) द्वारा रचित ‘रहीम ग्रन्थावली’ से हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में संकलित ‘दोहा’ शीर्षक पाठ से अवतरित है।

प्रसंग- रहीम ने उच्चकोटि के नीति सम्बन्धी दोहों की रचना की है। प्रस्तुत दोहे में उत्तम प्रकृति तथा चरित्र की दृढ़ता पर प्रकाश डाला गया है।

व्याख्या- रहीम कवि का कहना है कि जो उत्तम स्वभाव और दृढ़ चरित्रवाले व्यक्ति होते हैं, बुरी संगति में रहने पर भी उनके चरित्र में विकार उत्पन्न नहीं होता है। जिस प्रकार चन्दन के वृक्ष पर चाहे जितने भी विषैले सर्प लिपटे रहें, परन्तु उस पर सर्यों के विष का प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात् चन्दन (UPBoardSolutions.com) का वृक्ष अपनी सुगन्ध और शीतलता के गुण को छोड़कर जहरीला नहीं हो जाता है। इस प्रकार सज्जन भी अपने सद्गुणों को कभी नहीं छोड़ते।

काव्यगत सौन्दर्य

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