रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारै लगै, बढै अंधेरो होय।।प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ? *
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उपमा
रूपक
यमक
श्लेष
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Rupak.
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if it correct....
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श्लेष
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बारे उजियारे लगै, बढै अंधेरो होय। उपर्युक्त पंक्तियों में श्लेष अलंकार है। यहां प्रस्तुत 'दीप के जलने' में अप्रस्तुत 'बुरे पुत्र' का आरोप किया गया है। तात्पर्य है कि जिस प्रकार दीपक के जलने की गति से तेल समाप्त हो जाता है उसी प्रकार एक बुरा पुत्र संपूर्ण कुल को नष्ट कर देता है।
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