रहिमन निज मन की वयथा मन ही राखो गोय।
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नमस्ते !!!
प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि हमे अपने मन की व्यथा को अपने मन में ही छुपाकर रखना चाहिए क्योंकि हमारे दुःख दर्द को बांटने वाला इस दुनिया में कोई नही है , दुःख दर्द बाटने की बजाये सब हँसी उड़ाएंगे इसिलिए कवी की सोच है कि हमे अपने मन में सारी दुःख दर्द को छुपाये रखो ।
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Hope it helps you !!!
@Rajukumar111
प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि हमे अपने मन की व्यथा को अपने मन में ही छुपाकर रखना चाहिए क्योंकि हमारे दुःख दर्द को बांटने वाला इस दुनिया में कोई नही है , दुःख दर्द बाटने की बजाये सब हँसी उड़ाएंगे इसिलिए कवी की सोच है कि हमे अपने मन में सारी दुःख दर्द को छुपाये रखो ।
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