"रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून" दोहा
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प्रस्तुत प्रश्न रहीम जी से लिखागया निति दोहे नामक पाठ से लिखा गया है |यह पाठ दोहे के रूप में लिखागया है|रहीम जी का पूरा नाम है अबदुर्रहीम खान खाना है|वे अकबर के दरबार में नवरत्नों से एक है|उनका जन्म सन १५५६ में और म्रत्यु १६२६ में माना जाता है|आप संस्कट, अरबी और फारसी के विद्वान् थे|रहीम सतसई,बरवै नायिका,भेद,श्रुंगार सोरठा आदि इनके परसुध रचनायें है|इनके दोहे निति परक होते है|बिहारी सतसई इनकी परसिद्ध रचना है|इन्हों ने निति के दोहे द्वारा सागर को गागर में भर ने का प्रयत्न किया
रहीम जी इस दोहे में पानी को जल,इज्जत,एवं चमक तीन अर्थों में प्रयोग करते हुए कहते है|इज्जत के बिना मनुष्य,चमक के बिना माती,जल के बिना चूना निरुपयोगी एवं व्यर्थ है|इसलिए इनकी रक्षा और महत्त्व पर धयान देना चाहिए|
२ कनक शब्द का दो अर्थ बताये है|एक अर्थ है धतुरा और्व्दुसरे का अर्थ स्वर्ण |धतुरा खाने का एक क्षण के बाद नशा चढ़ता है|मानव पागल की तरह व्यवहार करता है|सोना संपत्ति को प्राप्त करने से मानव पागल हो जाता है|