रहिमन धागा प्रेम का , मत तोड़ो छिटकाय | टूटे से फिर ना मिले , मिले गाँठ परि जाय || दोहे पर अधारित कहानी लिखिए |
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रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय, तोड़े से फिर ना जुड़े,जुड़े गाँठ पड़ जाए! ... प्रेम का नाता बहुत नाजुक होता है। इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं है। यदि यह प्रेम रूपी धागा एक बार टूट जाता है, तब फिर इसे मिलाना काफी कठिन हो जाता है।
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