रहिमन विपदा हूँ भली, जो थोड़े दिन होय। हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।। का अर्थ क्या है
Answers
Answer:
अर्थ - रहीम कहते है अगर विपत्ति कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही है क्योंकि विपत्ति में ही सबके विषय में जाना जा सकता है की संसार में कौन हमारा हितैषी ( साथी या मित्र या फिर हमारा चने वाला ) है और कौन नहीं
Answer: रहीम कहते हैं कि यदि विपत्ति कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही है, क्योंकि विपत्ति में ही सबके विषय में जाना जा सकता है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन नहीं।
Explanation: यह पता लगाना कि खुशी के समय में कौन सहायक है और कौन हानिकारक है, यह बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जिस व्यक्ति से आप मिलते हैं वह कहता है कि वे दोस्त हैं। हालाँकि, जब दुख का दिन आता है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि कौन सच्चा संबंध रखता है और कौन सिर्फ दोस्ती की खाली घोषणा कर रहा है।
रहीम आपदा आने पर निराश नहीं होने की सलाह देते हैं। वास्तव में विपत्ति ही कल्याणकारी होती है और उन्हें सहते हुए उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिए। विपदा तो बस थोड़ी देर की मेहमान होती है; यह हमेशा के लिए नहीं रहेगा। किंतु तब तक यह तो सबको पता चल जाता है कि जगत में कौन कौन हितकारी अथवा अहितकारी है।
Learn more about रहिम के दोहे here -https://brainly.in/question/21503452
Learn more about दोहे here- https://brainly.in/question/23190390
Project code - #SPJ3