रहिमन यही संसार में सबसे ना जाने को ही रूप में नारायण मिल जाए ધાઈ
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रहिमन यहि संसार में, सब सो मिलिय धाइ।
ना जानैं केहि रूप में, नारायण मिलि जाइ।।
अर्थात (Meaning in Hindi): ऐसी मान्यता है कि कण-कण में भगवान व्याप्त हैं। वह किसी भी रूप में हमारे सामने प्रकट हो सकता है। अतः हमें किसी का निरादर नहीं करना चाहिए। क्या पता हम जिसका निरादर करते हैं, वह परिवर्तित रूप में भगवान ही हो।
रहीम कहते हैं कि इस जग में वास करते हुए सभी से नेक आचरण करना चाहिए। कोई मिल जाए तो उसकी अवहेलना करना अनुचित है। सबसे उत्साहपूर्वक मिलना चाहिए। क्योंकि यह निश्चित नहीं है कि न जाने किस रूप में नारायण सामने आ खड़े हों।
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