रहीमदास जीके दोहे से मिलने वाली शिक्षा लिखिए।
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महाकवि रहीम की दस प्रमुख शिक्षाएं :-
• प्रस्तुत हैं रहीम की प्रमुख दस शिक्षाएं –
• तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान।
• कहि रहीम पर काज हित, संपत्ति संचहिं सुजान।।
• रहिमन जिव्हा बावरी, कह गई सरग- पताल।
• आपु तो कहि भीतर गई, जूती खात कपाल।।
• रहिमन देख बड़ेन को लघु न दीजिये डार।
• जहां काम आवै सुई कहा करै तलवार।।
• चंदन विष व्यापत नहीं लपटे रहत भुजंग।।
रहीम दास, मुग़ल सम्राट अकबर के शासन काल के एक महान कवी थे। उनका पूरा नाम नवाब अब्दुल रहीम खान-ई-खाना था। वो अकबर की सभा के महत्वपूर्ण दीवान में से एक थे जिन्हें नवरत्न भी कहा जाता था। रहीम अपने दोहों और ज्योतिष पर लिखे गए किताबों के कारण मशहूर हैं।
उनका जन्म 17 दिसम्बर 1556 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। रहीम दास जी ने अपने दोहों के माध्यम से जनता की नीति सम्बन्धी बातें बताई और उनका मार्ग दर्शन करने का भी प्रयास किया। उनको अवधी, ब्रज, अरबी, फ़ारसी, तुर्की, और हिंदी का अच्छा ज्ञान था। उनकी सभी कृतियाँ “रहीम ग्रंथावली” में समाहित हैं।
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