रह
मधुबन तुम कत रहत हरे?
सो पानी
TO
बिरह-वियोग स्याम-सुदंर के, ठाढ़े क्यों न जरे।।
मोहन बेनु बजावत तुम-तर, साखा टेकि खरे। >
र मोहे थावर अरु जड़ जंगम, मुनि-जन ध्यान टरे।। |तका
वह चितवनि तू मन न धरति है फिरि-फिरि पुहुप
सूरदास-प्रभु-बिरह-दवानल, नख-सिख-लौं नजरे।।
bhawarth kya hogaa
Answers
Answered by
0
Answer:
nahi samaj me aya
sorry friend
Similar questions