रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में, सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में। अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं, दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं। इन पंक्तियों का भावार्थ होगा
2 points
1. हमें गर्वरहित जीवन जीना चाहिए।
2. हमें सबकी सहायता करनी चाहिए।
3. हमें शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए।
4. हमे गर्वयुक्त जीवन
Answers
Answered by
0
Explanation:
2 hamen sabhi ki sahayata karni chahie
Similar questions