Hindi, asked by sanjana8350, 4 months ago

रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में, सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में। अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं, दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं। इन पंक्तियों का भावार्थ होगा *

1. हमें गर्वरहित जीवन जीना चाहिए।
3. हमें शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए।
2.हमे गर्वयुक्त जीवन जीना चाहिए।​

Answers

Answered by soumyasingh77
2

Answer:

2 ☺️ हमे गरवयुक्त जीवन जीना चाहिए।

क्योंकि जहा सम्मान है , वही मान है।

धन्यवाद।

Similar questions