रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में ,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में
अनंत अन्तरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े,
समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बढ़े-बढ़े
रहो न यों कि एक से न काम और का सरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के किए मरे ||
(1)आकाश में कौन खड़े हैं ?
• चाँद
• तारे
• सूरज
• असंख्य देवता
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आकाश में असंख्य देवता खड़े हैं।
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ans ( d ) h okay
Explanation:
i think but I'm not sure
jk088212:
oh usha
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