रह स्मरण कराइकाल अम्मड्यार की कविता से लिया गया है, जहाँ का
राक्षसी, फूली हुई नाड़ियों वाली
बाहर निकली आँखें, सफेद दाँत और भीतर धैसा उदा
लाल केश और आगे निकले दाँत
लंबी पिंडली की नली जो रखनों तक फैली हुई है।
वन में विचरते समय चीखना और
क्रंदन यह अलंकटु का बन है
जो हमारे पिता (शिव) का घर है।
वह नृत्य करते हैं..... उनके जटाजूट आठों ओर बिखर जाते हैं।
उनके अंग शांत है।
(28.1) कराइक्काल अम्मइयार ने सौंदर्य की पारंपरिक अवधारणा से अपने आपको किस
भिन्न रूप में प्रस्तुत किया ? विश्लेषण कीजिए।
(28.2) यह कविता किस प्रकार पैतृक मानदण्डों को चुनौती देती है ? विश्लेषण कीजिए।
(28.3) उसके सामाजिक आभारों के परित्याग के किन्हीं दो पहलुओं का विश्लेषण कीजिए
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