रहस्य इस कविता का मुख्य आशय लिखो
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Explanation: रहस्यवाद वह भावनात्मक अभिव्यक्ति है जिसमें कोई व्यक्ति या रचनाकार उस अलौकिक, परम, अव्यक्त सत्ता से अपना प्रेम प्रकट करता है जो सम्पूर्ण सृष्टि का आधार है। वह उस अलौकिक तत्व में डूब जाना चाहता है। और ऐसा करके जब उसे चरम आनंद की अनुभूति होती है तब वह इस अनुभूति को बाह्य जगत में व्यक्त करने का प्रयास करता है किन्तु इसमें अत्यंत कठिनाई होती है। लौकिक भाषा और वस्तुएं उस आनंद को व्यक्त नहीं कर सकती। इसलिए उसे उस पारलौकिक आनंद को व्यक्त करने के लिए प्रतीकों का सहारा लेना पड़ता है जो आम जनता के लिए रहस्य बन जाते हैं।
हिंदी साहित्य में रहस्यवाद सर्वप्रथम मध्य काल में दिखाई पड़ता है। संत या निर्गुण काव्यधारा में कबीर के यहाँ, तथा प्रेममार्गी या सूफी काव्यधारा में जायसी के यहाँ रहस्यवाद का प्रयोग हुआ है। दोनों परम सत्ता से जुड़ना चाहते हैं और उसमें लीन होना चाहते हैं—कबीर योग के माध्यम से तथा जायसी प्रेम के माध्यम से; इसलिए कबीर का रहस्यवाद अंतर्मुखी व साधनात्मक रहस्यवाद है तथा जायसी का बहिर्मुखी व भावनात्मक रहस्यवाद है।
Answer:
कविता के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया गया है कि जीवन में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं। जिस तरह रात के बाद दिन और फिर रात आती है उसी तरह मनुष्य के जीवन में सुख-दुख का क्रम चलता रहता है। जीवनपथ पर आगे बढ़ते हुए कई बार व्यक्ति को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। कई अपने पराए हो जाते हैं। कुछ हमसफर जीवनपथ पर मृत्यु को गले लगाकर अथवा अपनी राह बदलकर व्यक्ति को अकेला छोड़ जाते हैं। जिंदगी हर कदम पर व्यक्ति का इम्तहान लेती है। इस संघर्ष भरे जीवन के किसी भी पड़ाव पर असफलता मिलने अथवा भारी नुकसान होने पर भी मनुष्य को अपना संतुलन नहीं खोना चाहिए।